रचनात्मक मूल्यांकन के अन्तर्गत की गयी गतिविधि में कक्षा आठवीं के छात्रों ने संस्कृत में एक लघु नाटिका प्रस्तुत की । लघु नाटिका चंद्रगुप्त मौर्य के बाल्यकाल पर आधारित थी । छात्रों ने उत्साहपूर्वक अभिनय किया । तत्पश्चात् चंद्रगुप्त और चाणक्य के जीवन का संक्षिप्त परिचय दिया गया। छात्रों का प्रदर्शन प्रशंसनीय एवं सराहनीय था ।
शशि माकङ